Vishal Ramawat

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THE WORST ANIMAL(HUMAN)-23

रंजना खाने की तैयारी पहले ही कर चुकी साहिल आया उसने साहिल को कपड़े बदल कर आने के लिए बोला। साहिल अपने कमरे कमरे में जाकर कपड़े बदल कर आया तब तक रंजना ने उसके लिए खाना लगाया। फिर दोनों ने साथ बैठकर खाना खाया फिर साहिल अपने कमरे में चला गया और बैठकर होमवर्क करने लगा ।

रंजना किचन में जाकर काम करने लगी कुछ देर बाद रंजना कमरे में जाकर देखती है तो साहिल काम करते-करते वही सो गया था । रंजना ने उसकी सारी बुक्स समेट कर बैग में रखी और फिर उसे अच्छे से सुला कर वापस बाहर आ गई।

शाम को 6:00 बजे तक रंजना ने सारा खाना तैयार कर दिया था उसने अकेले ही थोड़ा बोर्ड डेकोरेशन किया और केक वगैरा उससे पहले ही लाकर रख दिया था । उसने ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया था क्योंकि उसके पति के मरने के बाद लोगों ने उससे बातचीत करना बंद कर दिया था । लोगों की नजर में विधवा औरतों की कोई इज्जत नहीं होती और हर कोई उसे गलत नजर से ही देखता है और जब से उसकी बेटी लापता हुई थी तब से तो लोगों ने उससे बात करना भी बंद कर दिया था घर आने की तो दूर की बात है।

वह बैठ कर परी और सुधीर का इंतजार कर रही थी तभी उसे बाहर गाड़ी रुकने की आवाज आई। उसने पास आकर देखा तो परी अपने पापा के साथ आई थी । परी गाड़ी से उतर कर सीधा आकर रंजना के पैरों से लिपट गई। वह बोली कैसी हो ऑंटी आप आज भी आपने खाना बहुत अच्छा बनाया था।

पीछे से सुधीर आकर रंजना को बोलता है आपका बहुत शुक्रिया इतने दिनों से परी आपके हाथों का ही खाना खा रही है इसने कभी मुझे कुछ कहा नहीं पर मुझे भी पता है कि मेरा बनाया हुआ खाना उसे पसंद नहीं आता था। मैं रोजाना तो उसे बार खाना नहीं खिला सकता क्योंकि बाहर का खाना खाने से उसकी तबीयत खराब होती है दिन में तो यह आपके हाथ का खा लेती है इस वजह से इसने कितने दिनों से टिफिन ले जाना बंद कर दिया।

रंजना बोली शुक्रिया मत बोलिए परी भी मेरी बेटी समान ही है जैसे ही रंजना ने यह कहा सुधीर रंजना को देखने लगा रंजना बोली मैंने कुछ गलत कह दिया क्या सुधीर बोला नहीं आपने कुछ गलत नहीं कहा वैसे कहां है आपका बर्थडे बॉय।

रंजना बोली वो टीवी देख रहा था मैं अभी बुलाती हूं साहिल बाहर आना जरा बाहर कोई  आया है। परी और सुधीर दोनों ने एक बार फिर से साहिल को बर्थडे विश किया सुधीर बोला मैं तुम्हारे लिए गिफ्ट लेकर आया था।

साहिल को खुश होते हुए बोला कहां है अंकल मेरा गिफ्ट सुधीर बोलो इस वक्त तक तो आ जाना चाहिए था पर आया नहीं तभी उसे पीछे से एक ऑटो की आवाज आती है ऑटो उनके पास आकर रूकता है ऑटो ड्राइवर पीछे जाकर एक साइकिल उतारता है यह था साहिल का गिफ्ट जो सुधीर लेकर आया था।

साहिल साइकिल देख कर खुश हो गया सुधीर को थैंक यू बोल रहा था और पास जाकर अपनी साइकिल को देख रहा था वह उसके ऊपर बैठा और उसे चला रहा था । साहिल ने कभी अपनी मॉम से साइकिल के लिए जिद नहीं की उसके सभी दोस्तों के पास साइकिल थी उसका भी मन होता था साइकिल चलाने का, उसके पास भी साइकिल हो पर घर की स्थिति के बारे में वह भी जानता था।

रंजना सुधीर से बोली आपने इतना बड़ा गिफ्ट क्यू लाया इसकी कोई जरूरत नहीं थी सुधीर बोला कैसी बात कर रही है आप बच्चा देखो कितना खुश हो गया गिफ्ट देखकर। मैंने कुछ बड़ा काम नहीं किया परी के लिए साइकिल लेने गया था तो सोचा साहिल के लिए भी ले लो आज परी के लिए भी मैंने साइकिल ली है।

कुछ देर में सभी लोग अंदर आ गए सुधीर ने अंदर आकर देखा तो नॉर्मल सा डेकोरेशन किया हुआ था पर अंदर कोई नहीं था उन चारों के अलावा तो सुधीर बोला और कोई नहीं आया रंजना बोले कोई नहीं आता हम दोनों ही रहते हैं यहां ना किसी से कोई मिलना होता है ना हमसे कोई बात करता है।

सुधीर को रंजना की बातों से पता चल रहा था कि रंजना कितनी दर्द में है एक अकेली औरत का दर्द क्या होता है वह समझ रहा था । कितने लोग उसे गलत नजरों से देखते हैं क्या-क्या बातें बनाते हैं उसके खिलाफ फिर भी यह दुख से लड़कर अकेली ही साहिल को संभाल रही है।

साहिल और परी दोनों ही वीडियो गेम खेल रहे थे जो रंजना ने साहिल को गिफ्ट दिया था। रंजना और सुधीर दोनों ही सोफे पर बैठ कर उन दोनों को देख रहे थे।

सुधीर बोला मैंने सोचा नहीं था परी इतना जल्दी किसी से घुल मिल जाएगी मेरी वाइफ के जाने के बाद ही परी भी टूट चुकी थी और किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी मेरे अलावा। पर अब स्कूल में पूरे दिन साहिल के साथ रहती हैं और घर आकर उसकी ही बातें करती है और आपके खाने की तारीफ।

रंजना बोली इतनी भी तारीफ मत करिए मेरी मैं बस उसे भी अपनी बच्ची जैसा ही मानती हो जिस दिन से मेरी बेटी गायब हुई है तो दिन उसी के बारे में सोचती हो कहां होगी कैसी होगी जिंदा भी है या नहीं है कुछ पता नहीं है उसके बारे में।

रंजना सुधीर को एक फोटो दिखाती हुई बोली यह थी मेरी बेटी कितने दिनों से गायब है उसके बारे में कुछ पता नहीं है कुछ समझ में नहीं आता कहां जाऊं किसके पास जाओ जिसकी भी पास जाओ गलत नजरों से देखता है हर कोई बस मेरा फायदा उठाना चाहता है। सुधीर देखता है फोटो में जो लड़की थी बहुत ही प्यारी थी।

रंजना की आंखों में आंसू आ गए थे सुधीर ने अपनी जेब से रुमाल निकाला अपना हाथ आगे बढ़ा के वह उसके आंसू पूछना चाह रहा था पर उसने अपने हाथ को रोक दिया। यह सोच कर कि रंजना क्या सोचेगी उसके बारे में उसने अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसे रुमाल दिया। उससे रंजना ने अपने आंसू पोंछ लिए।

सुधीर रंजना ने पानी पिलाया , रंजना ने खुद को संभाल कर बोला साहिल आ जाओ केक काट लेते हैं साहिल आया चारो ने मिलकर केक काटा। तीनों ने उसके लिए गाना गाया उसके बाद रंजना बोली चलो खाना खा लेते हैं। उसने सभी को डाइनिंग टेबल पर बैठने के लिए बोलना और खुद खाना परोसने लगी।

सुधीर बोला वैसे क्या बनाया है खाने में सुगन्ध तो बहुत लाजवाब आ रही है आज काफी दिनों बाद अच्छा सा खाना खाएंगे सही कहा ना परी। परी बोली पापा मैं तो रोजाना ही अच्छा खाना खाती हूं आंटी के हाथ का पर आप आज पहली बार खाएंगे आप तो जली हुई रोटी ही खाते हैं रोज दोनो टाइम अपने हाथ की। फिर वह हसने लगी तो उसके साथ रंजना और साहिल में हसने लगे। सुधीर भी हंसते हुए बोला हंसो मेरी किस्मत पर।

सुधीर बोला क्या करें बेटा नसीब में ही वही है रंजना ने सभी को खाना परोसा उसने छोले की सब्जी, राजमा चावल, एक मिक्स सब्जी,  रोटी पूरी साथ में सूजी का हलवा बनाया था। रंजना परी की तरफ देख कर बोली बेटा बताओ खाकर कैसा बना है।

रंजना बोली परी रुको एक मिनट मैं ही खिला देती हूं रंजना ने परी की प्लेट से सूजी का हलवा लिया और परी की तरह बढ़ा दिया परी रंजना के हाथ को देखकर रही थी। फिर उसने रंजना के हाथ से हलवा खाया परी की आंखों से आंसू आ गए। वह रोने लग गई रंजना ने उसे गले लगाया और प्यार से पूछने लगी क्या हुआ बेटा अब रो क्यों रही हो खाना अच्छा नहीं बना है क्या। में आपके लिए कुछ और बना देती हूं आप ऐसे मत रो।

परी रोते हुए ना में गर्दन हिलाती है रंजना बोली बताओ बेटा क्या हुआ परी रोते हुए बोली आज आपको देखकर मां की याद आ गई। मां भी मुझे ऐसे ही खाना खिलाती थी उसकी बात सुनकर सुधीर की आंखों में भी आंसू आ गए रंजना ने सुधीर को देखा उसकी भी आंखों में आंसू थे।

सुधीर उठकर परी की तरफ आने लगा तो रंजना ने उसे वही बैठने का इशारा किया। रंजना परी के आंसू पूछते हुए बोली बेटा मैं भी तो आपके मां के समान ही हूं चलो मैं आपको खाना खिलाती हूं आज रंजना ने परी को अपनी गोद में बैठा है और फिर प्यार से उसे खाना खिलाने लगी।

साहिल ने खाना खा लिया था और सुधीर ने भी थोड़ा बहुत खाना खा लिया था। परी और साहिल खाना खाने के बाद दोनों वापस  वीडियो गेम खेलने लगे। सुधीर ने रंजना को भी खाना खाने के लिए बोला।

रंजना बोली पहले मैं बर्तन साफ कर लेती हूं बाद में खाना खा लूंगी रंजना बर्तन लेकर किचन में जाने लगी तो सुधीर ने उसका हाथ पकड़ लिया । रंजना सुधीर को देख रही थी फिर उसके अपने हाथ को जो सुधीर ने पकड़ा हुआ था । सुधीर को जवाब गलती का एहसास हुआ था उसने हाथ हटा दिया और बोला सॉरी माफ करना और आप पहले खाना खा लीजिए। वैसे भी बहुत देर हो गई है रंजना कुर्सी पर बैठते हुए बोली रोजाना का यही टाइम है फिर खाना खाने लगी।

दोनों बच्चों की तरफ देखकर बोले कितने खुश लग रहे हैं दोनों रंजना सुधीर को बोली अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात कहूं , परी को एक मां की जरूरत है जो उसे संभाल ले यह आपसे बहुत कम बार बोलती होगी कि उसे मां की जरूरत है पर सच्चाई यही है ।

रंजन आगे बोली परी को एक मा चाहिए बेटी हर बात अपने पापा के साथ शेयर नहीं कर सकते कुछ बातें अपनी मां के साथ ही शेयर कर सकती हैं । जैसे बेटा अपने पापा के साथ शेयर करता है वैसे ही आप उसके सारी जरूरत तो पूरी कर सकते हैं पर मां की जरूरत कभी पूरी नहीं कर पाओगे।

आप कोई अच्छी सी लड़की देख कर दूसरी शादी कर लो जिससे परी को मां की कमी पूरी हो जाए । मानती हो वह आपकी पत्नी की जगह नहीं ले पाएगी पर परी को एक मां  की कमी कभी महसूस नहीं होने देगी।

सुधीर बोला लोग क्या कहेंगे रंजना बोली आप अभी भी यह सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे दुनिया की मत सोचे आपको जो सही लग रहा है वह करिए । आपको भी पता है परी को मां की कमी खलती है अगर आपके दूसरी शादी करने से उसकी वह कमी पूरी हो रही है तो इसमें गलत क्या है आप ही बताइए।

सुधीर कुछ नहीं बोला वह खामोश रहा रात को दोनों वापस घर के लिए निकल गए थे।

सुधीर घर आ गया था पूरे रास्ते में सुधीर खामोश रहा परी अकेले पर ही बात कर रही थी । घर आकर सुधीर ने परी को कमरे में सुला दिया था क्योंकि वह थक गई थी उसे जल्दी नींद आ गई थी पर सुधीर की आंखों से नींद कोसों दूर थी वह बस बार-बार एक ही बात सोच रहा था।

उधर रंजना ने साहिल को सुला दिया था और खुद कमरे में खिड़की के बाहर पास खड़ी रह कर चांद को देख रही थी। आज परी को गोद में बैठा कर प्यार से खाना खिला रही थी तब उसे सोनू की बहुत याद आ रही थी बचपन में वह सोनू को भी ऐसे ही खाना खिलाती थी।

सुधीर रात भर परेशान रहा काफी विचार करने के बाद उसने एक फैसला लिया अगले दिन सुबह रंजना साहिल को छोड़ने स्कूल गई। तो वहां उसे सुधीर मिला रोजाना के जैसे सुधीर उसे लेकर कंपनी के लिए निकल गया था । सुधीर ने दूसरा रास्ता पकड़ा और अल्बर्ट हॉल की तरफ निकल गया उसने वहां जाकर पार्किंग में गाड़ी रोती

रंजना ने जब उसे यहां आने की वजह पूछी तो सुधीर बोला आपसे कुछ बात करनी है इसलिए यहां आए। रंजना बोली बात शाम को भी तो हो सकती है ना अगर मैं अभी टाइम पर ऑफिस नहीं पहुंची तो मैनेजर बहुत गुस्सा होंगे मेरे पास इस जॉब के अलावा और कोई काम नहीं है आप समझ सकते हैं अगर मेरे हाथ से यह नौकरी चली गई तो मुझे बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी।

कमश:
।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"सुकून"(जाना)


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6 Comments

Natasha

05-Apr-2023 01:08 PM

Nice

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Alka jain

01-Mar-2023 06:13 PM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

13-Feb-2023 11:40 AM

शानदार भाग

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